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लेखक:

रामनाथ शिवेन्द्र

हरियल की लकड़ी

रामनाथ शिवेन्द्र

मूल्य: Rs. 195

जहाँ वैश्विक धरातल पर अमरीकी दादागीरी सर चढ़कर बोल रही है वहीं भारतीय समाज की तलछट में रह रहे लोगों की जिन्दगी भ्रष्ट नौकरशाही और सरकारी प्रपंचों में फँसकर और भी दूभर होती जा रही है।   आगे...

 

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